शेयर बाजार आज बुरी तरह से गिरा, जहां सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखी गई। इस गिरावट के पीछे कई कारण रहे, जिनमें प्रमुख हैं –
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1. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख में बदलाव की उम्मीद कमजोर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने हाल ही में यह संकेत दिया कि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम करनी चाहिए। इससे बाजार में निराशा फैल गई, क्योंकि पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि मार्च से ब्याज दरों में कटौती शुरू हो सकती है।
2. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में तेजी: वालर के बयान के बाद अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4% के ऊपर चली गई और डॉलर इंडेक्स महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इससे विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
3. कमजोर वैश्विक संकेत: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख और बॉन्ड यील्ड में तेजी का असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ा। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजारों में भी गिरावट देखी गई।
4. एचडीएफसी बैंक के तिमाही नतीजे निराशाजनक: एचडीएफसी बैंक के दिसंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुताबिक तो रहे, लेकिन बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव बना रहा। बैंक का शेयर 7% से ज्यादा टूट गया, जिससे निफ्टी पर भी असर पड़ा।
5. व्यापक बिकवाली: आईटी और कैपिटल गुड्स को छोड़कर सभी सेक्टरों में बिकवाली देखी गई। धातु, ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी और इंफ्रा शेयरों में भी गिरावट रही। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई।
बाजार के जानकारों का मानना है कि यह गिरावट एक संकेत है कि बाजार को कुछ समय के लिए कंसॉलिडेशन की जरूरत है। हालांकि, यह गिरावट लंबी अवधि में बाजार के लिए फायदेमंद भी हो सकती है, क्योंकि बढ़ते ब्याज दरों के चलते शेयरों के वैल्यूएशन काफी महंगे हो गए थे।
निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण स्तर:
- सपोर्ट: 21,700-21,730
- रजिस्टेंस: 22,000-22,030
अगर निफ्टी 22,220-22,280 के स्तर को पार कर लेता है, तो ही बाजार में तेजी का सिलसिला फिर से शुरू होगा।
मुख्य बातें:
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख में बदलाव की उम्मीद कमजोर, ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में तेजी से विदेशी निवेशकों ने निकाला पैसा
- कमजोर वैश्विक संकेतों का भी बाजार पर असर
- एचडीएफसी बैंक के तिमाही नतीजे निराशाजनक, बैंकिंग सेक्टर में गिरावट
- व्यापक बिकवाली से सभी सेक्टरों में गिरावट, आईटी और कैपिटल गुड्स को छोड़कर
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FAQs
1. सेंसेक्स में आज इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?
- कई कारकों के कारण आज बाजार में भारी गिरावट देखी गई। मुख्य कारणों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के हॉकिश रुख, बढ़ी हुई बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स, कमजोर वैश्विक संकेत, और एचडीएफसी बैंक के निराशाजनक प्रदर्शन शामिल हैं।
2. फेडरल रिजर्व का हॉकिश रुख क्या है?
- फेडरल रिजर्व के गवर्नर के हालिया बयान से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कमजोर पड़ गईं, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ। इससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा।
3. बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स का बढ़ना बाजार को कैसे प्रभावित करता है?
- बढ़ी हुई बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कम आकर्षक बनाते हैं, जिससे बाजार में विदेशी पूंजी का बहार होता है और दबाव बढ़ता है।
4. वैश्विक बाजारों का कमजोर प्रदर्शन भारतीय बाजार को कैसे प्रभावित करता है?
- वैश्विक स्तर पर बिकवाली का दबाव भारतीय बाजार में भी फैल सकता है, जिससे घरेलू निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हो सकता है और बिकवाली को बढ़ावा दे सकता है।
5. एचडीएफसी बैंक के प्रदर्शन का बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा?
- एचडीएफसी बैंक निफ्टी 50 में एक प्रमुख कंपनी है, जिसके शेयरों में 7% से ज्यादा की गिरावट ने पूरे सूचकांक पर दबाव डाला। इससे अन्य बैंकिंग शेयरों में भी गिरावट आई।
6. क्या यह गिरावट चिंता का विषय है?
- बाजार में गिरावट चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह एक सामान्य प्रक्रिया है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, यह बाजार में प्रवेश करने का एक अच्छा अवसर भी हो सकता है।
7. बाजार में कब सुधार की उम्मीद की जा सकती है?
- यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि बाजार में कब सुधार होगा। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और कुछ समय बाद बाजार में सुधार आ सकता है।
8. इस गिरावट के दौरान क्या निवेश करना चाहिए?
- बाजार में गिरावट के दौरान, निवेशकों को विवेकपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उच्च गुणवत्ता वाले और लंबी अवधि के लिए मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
9. बाजार में गिरावट से खुद को कैसे बचाएं?
- बाजार में गिरावट से बचने के लिए विविधीकरण एक महत्वपूर्ण रणनीति है। विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करने से, आप अपने पोर्टफोलियो को जोखिम से बचा सकते हैं।
10. क्या इस गिरावट से आर्थिक मंदी का संकेत है?
- बाजार में गिरावट का मतलब जरूरी नहीं है कि आर्थिक मंदी आ रही है। हालांकि, यह आर्थिक विकास के धीमे होने का संकेत हो सकता है।
11. इस गिरावट के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- बाजार में गिरावट के दौरान घबराकर फैसले न लें। अपने निवेश लक्ष्यों और समय सीमा को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक रणनीति पर टिके रहें।